Friday, October 1, 2021

क्या शिव ने हलाहल

यह जहर कहाँ से आया 

मानव मन में अँधियारा छाया 

सभी थमे और भयवान खड़े हैं 

क्या शिव ने हलाहल उगल दिया है ?


मन की पीड़ा न बांटे कोई 

मिलते न रिश्ते न नाते कोई 

कैसा कारावास पड़ा है 

इस बेड़ी को काटे जो ,

वो किशन किधर खड़ा है ?


देव कहाँ और दानव किधर हैं 

एक भ्रम अथाह पड़ा है 

समुद्र मंथन कैसे हो 

सारा उत्साह खंडित हुआ है 

क्या शिव ने हलाहल उगल दिया है ?

(c) Anup Mayank 2021

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