उठो जागो ये वक्त नया है |
थी रात अँधेरी बादल गरजे,
संदिग्ध हुए मन भ्रमित हुए,
तिमिर छटी अब सूरज निकला है |
देखो अब यह सुबह नया है |
Post a Comment
No comments:
Post a Comment